एक जबाने में वो समय था जब अंग्रेजों ने दुनिया पर राज किया था अब अंग्रेजों ने अपने देश में ही (Mars planet) मंगल ग्रह जैसा इलाका बना लिया है,
जिससे वे 2028 तक (Mars planet) मंगल ग्रह पर अपना एक अभियान भेज सके. वह यान मंगल ग्रह पर पानी और जीवन संभव की खोज से ले कर वो सब संकेत ढूंढ़ने के मिशन पर वहा जायेगा फ्रांसीसी एयरोस्पेस दिग्गज एयरबस ने स्टीवनेज में एक रोवर बनाया है.
पहले एक समय था जब दुनिया में लगभग ज्यादातर देशों पर अंग्रेजों का राज हुआ करता था. लेकिन पृथ्वी से बाहर जाने में अंग्रेजों ने कभी रुचि नहीं दिखाई. अब लगता है कि हालात बदले जा रहे हैं। अब ब्रिटेन अंतरिक्ष के क्षेत्र Mars planet में आगे बढ़ रहा है, यहां कि अब तो मंगल ग्रह पर जाने की ही तैयारी है. यहां के स्पेस साइंटिस्ट ने स्टीवनेज सहर में एक डुबलीकेट ‘मंगल ग्रह’ का निर्माण किया है. जो देखने में लाल ग्रह है
NASA just created a fake Mars on Earth.
— Mad Over Marketing (@MadOMarketing) August 16, 2023
And it’s v v realistic.
Ok first, how though?
They converted a small space into a 3D habitat that's eerily similar to Mars.
4 scientists are going to be locked in here for the next year.
The scientists will:
- Grow food
- Conduct… pic.twitter.com/nuuCQ7iiHm
फ्रांसीसी एयरोस्पेस दिग्गज एयरबस ने अपने एक्सोमार्स रोवर का परीक्षण करने के लिए हर्टफोर्डशायर शहर में एक औद्योगिक संपत्ति पर 2.25 करोड़ किमी दूर ग्रह Mars planet की सतह के जैसे हालात बनाने के लिए लाल रेत और चट्टानों का उपयोग किया है.
2028 में यान मंगल ग्रह (मंगल ग्रह) पर पानी और जीवन के संकेत बहाल के मिशन पर हमला होगा। एयरबस ने स्टीवनेज में रोवर का निर्माण किया है, जो ब्रिटेन अंतरिक्ष क्षेत्र में 3,500 लोगों को रोजगार मिलता है।
वहा की कंपनी जल्दी ही यूरोपीय स्पेस एजेंसी के साथ उस लैंडिंग मॉड्यूल के लिए थ्रस्टर्स बनाने के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करेगी जिसकी आपूर्ति रूसियों को यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले करनी थी. इस बीच इसका प्रदर्शन विशेष रूप से निर्मित ब्रिटिश ‘मार्स यार्ड’ में तैयार किया जाएगा एयरबस के एक्सप्लोरेशन रोवर्स प्रोग्राम मैनेजर क्रिस ड्रेपर ने कहा कि इसका अंतरिक्ष Mars planet अभियान “यूके में हमारे लिए एक वास्तविक सफलता की कहानी” रहा है.
उन्होंने कहा, ”स्टीवनेज में रोवर का निर्माण करने के बाद अब हम लैंडर को डिजाइन करने का एक बड़ा हिस्सा चाहते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह Mars planet से नीचे उतरकर सुरक्षित रूप से सुरक्षित रहे।” यह प्रोजेक्ट एक वैज्ञानिक और यूके अंतरिक्ष उद्योग का हिस्सा है जो 50,000 लोगों को रोजगार देता है देश की धरती से एक भी रॉकेट लॉन्च किए बिना अर्थव्यवस्था में हर साल 18 खरब 34 अरब 56 करोड़ रूपये पंप करता है.